धराली में अभी भी चुनौती बरकरार, अब तक 1278 लोगों को निकाला गया सुरक्षित
उत्तरकाशी आपदा में नौ जवान समेत 42 लोग लापता, एक का शव बरामद, तलाश जारी

उत्तरकाशी। उत्तरकाशी आपदा में अभी तक 42 लोगों के लापता होने की सूचना है। ये जानकारी गढ़वाल कमिश्नर ने विनय शंकर पाण्डेय ने ये जानकारी दी है।
उत्तरकाशी आपदा में नौ जवान समेत 42 लोग लापता
गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने उत्तरकाशी स्थित आपदा नियंत्रण कक्ष में धराली आपदा के संबंध में चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों तथा लापता लोगों की खोजबीन के प्रयासों की जानकारी दी। गढ़वाल कमिश्नर ने जानकारी देते हुए बताया कि अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार आपदा में 42 लोगों के लापता होने की सूचना मिली थी। जिनमें से धराली गांव के एक युवक आकाश पंवार का शव बरामद हुआ है।
29 नेपाली श्रमिक लापता
शेष लापता 42 लोगोंं में 9 सेना के जवान हैं। साथ ही धराली गांव के 8 और निकटवर्ती क्षेत्रों के 5 लोग शामिल हैं। वहीं टिहरी जिले का 1, बिहार के 13 और उत्तर प्रदेश के 6 व्यक्ति भी लापता बताए गए हैं। इनके अलावा 29 नेपाली श्रमिकों के लापता होने की भी सूचना मिली थी, जिनमें से मोबाईल नेटवर्क बहाल होने के बाद 5 व्यक्तियों से संपर्क हो चुका है। शेष 24 मजदूरों के संबंध में उनके ठेकेदारों से अधिक विवरण नहीं मिल पाया है।
मजदूरों का विवरण जुटाने के दिए निर्देश
गढ़वाल कमिश्नर ने बताया कि संबंधित ठेकेदारों को कहा गया है कि इन मजदूरों को जहां से लाया गया है, वहां से उनके मोबाइल नंबर और अन्य जानकारी प्राप्त की जाए। साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि धराली गांव के आपदा प्रभावित को तत्कालिक तौर पर 5 लाख की अनुग्रह राशि का वितरण शुरू किया जा चुका है। सीएम की घोषणा के अनुसार प्रभावितों के लिए राहत एवं पुनर्वास का बेहतर पैकेज तैयार कराया जा रहा है। जिसके लिए सचिव राजस्व की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एक उच्च-स्तरीय समिति बनाई गई है।
1,278 लोगों को सुरक्षित निकाला
गढ़वाल कमिश्नर ने बताया कि आपदा प्रभावित क्षेत्र में युद्धस्तर पर रेस्क्यू अभियान चलाकर 1,278 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। प्रभावित क्षेत्र में फंसे सभी बाहरी लोगों और जरूरतमंद स्थानीय लोगों को वहां से निकाल लिया गया है। मलबा के भीतर दबे लोगों की खोज करना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जिसके लिए एनडीआरएफ की टीम सहित अलग से एक विशेष अधिकारी मौके पर तैनात है। उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ के आईजी भी मौके पर कैम्प कर रहे हैं।
प्रभावित क्षेत्र में कैम्प कर रहे DM
देहरादून से भी 10 विशेषज्ञ भूवैज्ञानिकों की एक विशेष टीम भी भेजी गई है। राहत एवं बचाव कार्यों तथा सर्च ऑपरेशन को तत्परता से संचालित करने के लिए जिलाधिकारी उत्तरकाशी लगातार प्रभावित क्षेत्र में ही कैम्प कर रहे हैं। प्रभावितों को पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न, कपड़े और दैनिक उपयोग की सामग्री उपलब्ध कराई जा चुकी है।
सड़क संपर्क बहाल करने का काम जारी
पांडेय ने बताया कि आपदा प्रभावित क्षेत्र में सड़क संपर्क बहाल करने का काम तेजी से जारी है। गत रात्रि को लिमच्यागाड़ में बेली ब्रिज का निर्माण पूरा हो चुका हैं। अब डबरानी और सोनगाड़ क्षेत्र में क्षतिग्रस्त सड़क बहाल करने का काम चल रहा है। मंगलवार सायं तक इस क्षेत्र में सड़क संपर्क बहाल हो जाने की उम्मीद है। लिमच्यागाड़ में बेली ब्रिज बनने के बाद भारी मशीनों को डबरानी क्षेत्र में पहुंचा दिया गया है।